“वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं….”
“हमारा हक तो नही है फिर भी ये तुमसे कहते है हमारी जिँदगी ले लो मगर उदास मत रहा करो !”
भूल सा गया है वो मुझे,…समझ नहीं आ रहा है कि हम आम हो गये उनके लिए…या कोई खास बन गया है….!!@
तू जो नजरो के सामने कल होगा नहीं,…तुझको देखे बिन मै मर ना जाऊ कही तुझको भूल जाऊ कैसे…माने ना मनाऊ कैसे….
तू बता….रोके न रुका नैना तेरी ओर है इन्हें तोह रहना….!!@
“तेरी यादों की दुनिया में बहुत महफूज रहते हैं जहां न कुछ खोने का डर है न अब कुछ पाने की तमन्ना…..”
मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा हैं, की ये शख्स सब कुछ हार गया, फिर भी जिन्दा हैं…
तकलीफ तो जिंदगी देती हैं, मौत को तो लोग युही बदनाम करते हैं…!
अभी जरा वक़्त हैं, उसको मुझे अजमाने दो, वो रो-रोकर पुकारेगी मुझे, बस मेरा वक़्त तो आने दो…
इंसान सिर्फ एक कारण से अकेला पड़ जाता हैं, जब उसके अपने ही उसे गलत समझने लगते हैं..!
“कुछ तो रहम कर ऐ जिन्दगी हम कौन से यहाँ बार बार आयेंगे !”
“क़ाफ़िले में पीछे हूँ कुछ मसलेहत हे वरना मेरी ख़ाक़ भी ना पाते मेरे साथ चलने वाले |”
“ख़ुदा भी अब किस- किसकी, फ़रियाद सुने किसी का कल खोया है तो, किसी का आज नही है |”
“दरिया” बन कर किसी को डुबाना बहुत आसान है. मगर “जरिया” बनकर किसी को बचायें तो कोई बात बनें !”
“किस बात का बदला लिया है तुम ने मुझे अपना बना के इस तरह तनहा छोड़ा है, की मैं अपना भी न बन सका |”
“नए लोग से आज कुछ तो सीखा हे, पहले अपने जैसा बनाते हे फिर अकेला छोड़ देते है.”
“वो भी बहुत अकेला है मेरी तरह शायद उस को भी नहीं मिला कोई ‘;चाहने वाला”
“चली आती है तेरी याद मेरे जहन में अक्सर, तुझे हो ना हो तेरी यादों को जरूर मुझसे मोहब्बत है ”
मेरी एक छोटी सी बात मान लो, लंबा सफर है हाथ थाम लो.
तू तो मेरी जान है, फ़िर क्यूँ तेरी ही याद मेरी जान ले रही है.?
वजह नफरतों कि तलाशी जाती है, मोहब्बत तो बेवजह ही हो जाती है.
उसी से पुछ लो उसके इश्क़ की कीमत, हम तो बस भरोसे पे बिक गए.
मुझे पता है कि तुम मेरी नहीं हो सकती पर इस बात का एहसास बार बार मत दिलाया करो 😟💔😢